Swift code क्या होता है?

Swift Code का प्रयोग किसी भी इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन के लिए किया जाता है। जब आप किसी दूसरे देश से पैसे का ट्रांजैक्शन करते हैं तो बैंक अंतरराष्ट्रीय ट्रांजैक्शन करने के लिए इस कोड को स्वीकार करता है। Swift code का पूरा नाम Society for Worldwide Inter bank Financial Telecommunications है। इस कोड का प्रयोग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बैंक की जांच करने के लिए किया जाता है। इस कोड में नंबरों की संख्या 8-11 तक होती है। स्विफ्ट कोड को बैंक आइडेंटिफायर कोड के नाम से भी जाना जाता है। इस कोड का मुख्य उद्देश्य उस देश की पहचान, बैंक का नाम एवं ब्रांच (स्थान) के बारे में जानकारी प्रदान करना है।

चर्चा में रहा स्विफ्ट कोड

जैसे कि सभी जानते हैं कि यूक्रेन और रूस के बीच में युद्ध जारी है, इसलिए पश्चिमी देशों एवं अमेरिका सहित सभी देशों ने युद्ध को समाप्त करने के लिए रूस पर प्रतिबंध लगाने के लिए स्विफ्ट कोड को बैन करने का फैसला लिया है। अर्थात जब Swift Code बैन हो जाएगा तो रूस किसी भी प्रकार का अंतरराष्ट्रीय ट्रांजैक्शन नहीं कर सकता।

क्या जरूरत है स्विफ्ट कोड की

आज भी इस दुनिया में 1 प्रतिशत लोग स्विफ्ट कोड के बारे में जानते होंगे। अभी हाल ही में यह कोड चर्चा में रहा है, इसलिए इसके बारे में लोग जानने का प्रयास कर रहे हैं। अगर आप दूसरे देश के साथ व्यापार, वेबसाइट तथा एप्लीकेशन पर काम करते हैं, जिसमें आपको विदेश में पैसा भेजने या पैसा मंगाने की आवश्यकता पढ़ती है तो आपको उस पैसे का लेनदेन करने के लिए बैंक द्वारा दिया गया एक स्पेशल कोड, जिसे स्विफ्ट कोड के नाम से जाना जाता है। उसकी आवश्यकता पड़ेगी। बिना स्विफ्ट कोड के आप बैंक से किसी प्रकार का अंतरराष्ट्रीय लेन-देन नहीं कर सकते।

SWIFT और IFSC code में अंतर

जैसे कि हम बता चुके हैं कि स्विफ्ट कोड का इस्तेमाल अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन में किया जाता है। बिना इसके हम पैसे का लेन देन नहीं कर सकते हैं। मगर वही IFSC (Indian Financial System Code) कोड के अंतर्गत भारत के अंदर किसी भी बैंक या फिर किसी भी शाखा में ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने के लिए होता है।

दोनों ही कोड (Swift code & IFSC code) में देश का नाम, बैंक का नाम एवं जगह का नाम छिपा होता है। दोनों ही कोड का मुख्य उद्देश्य बैंक की जांच पड़ताल करना है। स्विफ्ट कोड से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बैंक की जांच होती है, जबकि IFSC कोड से राष्ट्रीय स्तर पर बैंक की जांच होती है।