समुद्री बंदरगाहों या एक्सपोर्ट्स के नजदीक सरकार द्वारा स्थापित किए जाने वाले EPZs का प्रमुख उद्देश्य निर्यात किए जाने वाले उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धात्मक शुल्क रहित परिवेश उपलब्ध कराना होता है। वर्तमान में सेज (SEZ) के नाम से पुकारे जाने वाले निर्यात संवर्धन क्षेत्र में तैयार होने वाले उत्पादों को गुणवत्ता एवं कीमत दोनों की दृष्टि से अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के अनुरूप बनाया जाता है। हमारे देश में निजी क्षेत्र को विशेष स्थापित करने की अनुमति दी जा चुकी है। उदाहरण के लिए TECHZONE IT SEZ नोएडा सेक्टर 138 में स्थित है।
SEZ के बारे में
सेज (SEZ) किसी देश के भीतर ऐसे क्षेत्र हैं, जो प्राय शुल्क मुक्त (राजकोषीय रियासत) होते हैं और यहां पर मुख्य रूप से निवेश को प्रोत्साहित करने तथा रोजगार पैदा करने के लिए अलग-अलग व्यापार तथा वाणिज्यिक कानून होते हैं। सेज इन क्षेत्रों को बेहतर ढंग से संचालित करने के लिए भी बनाए गए हैं, जिससे व्यापार करने में आसानी हो जाए। एशिया का पहला निर्यात प्रसंस्करण क्षेत्र/EPZ वर्ष 1965 में कांडला, गुजरात में स्थापित किया गया था। इन EPZs की संरचना सेज के समान थी, सरकार ने वर्ष 2000 में EPZ (Export Promotion Zone) की सफलता को सीमित करने वाली ढांचागत और नौकरशाही चुनौतियों के निवारण के लिए विदेश व्यापार नीति के तहत सेज की स्थापना की थी। विशेष आर्थिक क्षेत्र अधिनियम वर्ष 2005 में पारित किया और वर्ष 2006 में सेज की स्थापना की गई। वर्तमान समय में 379 सेज अधिसूचित इकाइयां हैं जिनमें से 265 ही चालू है। इसका नेतृत्व वाणिज्य विभाग (वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय) के सचिव द्वारा संचालित किया जाता है।