हवा कहां से चलती है?, क्या भगवान कोई पंखा चलाता है या फिर फूंक मारता है या पेड़ों के हिलने से हवा चलती है। यही बात जब हमने लोगों से पूछी तो उन्होंने हमें इसी तरह का जवाब दिया।
जब हवा पश्चिम दिशा से चलती है तो ठंडी एवं गर्म दोनों होती है। सर्दी के मौसम में पश्चिम दिशा से चलने वाली हवा ठंडी होती है एवं गर्मी के मौसम में गर्म होती है, जबकि पूरब से चलने वाली हवा लगती तो ठंडी है, मगर अप्रत्यक्ष रूप से गर्म होती है। जब हमने लोगों से पता लगाया कि पूरब से चलने वाली हवा में नींद एवं सुस्ती क्यों आती है? तो लोगों ने अजीबोगरीब उत्तर दीजिए। जैसे पूरब दिशा में नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy) का प्रभाव है। पूर्व दिशा में विषैले सांप अधिक होते हैं, इसलिए उनके प्रभाव से हवा में शुष्कता आती है, इस तरह के जवाब भी हमें मिले।
उत्तर एवं दक्षिण दिशा से चलने वाली हवाएं ताजी, ठंडी एवं स्वास्थ्य वर्धक होती है।
यहां सवाल इस बात का है कि हवा कहां से प्रारंभ होती है अर्थात कहां से चलती है? ……. दोस्तों पृथ्वी के वायुमंडल में वायु का दबाव (Air Pressure) प्रत्येक स्थान पर अलग-अलग होता है अर्थात जिस क्षेत्र में जलवायु (Climate) ठंडी होती है, वहां पर उच्च दाब (High Air Pressure) एवं जिस क्षेत्र में गर्मी अधिक होती है, वहां पर वायुदाब निम्न (Low Air Pressure) होता है। साधारण-सी बात है कि हवा उच्च वायुदाब से निम्न वायुदाब की ओर प्रवाहित (Flow) होती है। जब वायुदाब एक निश्चित दिशा में प्रवाहित होता है तो उसे हवा या वायु कहते हैं।
उदाहरण के लिए, पानी हमेशा ऊपर से नीचे की ओर बहता (Flow) है, उसी प्रकार हवा भी ऊपर से नीचे की ओर बहती है अर्थात उच्च वायुदाब से निम्न वायुदाब की ओर बहती है, जिसे हवा का चलना कहते हैं।
अतः स्पष्ट है कि वायु का कोई स्थान नहीं है, न ही कोई जगह, जहां से हवा प्रारंभ होती है, बल्कि जिस क्षेत्र में भी वायुदाब (Air Pressure) में भिन्नता आती है, उस क्षेत्र में हवा का प्रवाह (Pressure) हो जाता है।
पूरब से चलने वाली हवाएं नकारात्मक नहीं होती। यह शरीर में आलस्य (Laziness) इसलिए लाती है क्योंकि यह स्थल (Land Surface) से सागर (Water surface) की ओर चलती है और इनमें आर्द्रता (Humidity) की कमी होती है।
वहीं पश्चिम दिशा से चलने वाली हवाएं स्वास्थ्यवर्धक इसलिए होती है, क्योंकि वह सागर से स्थल की ओर चलती है और इनमें नमी (Humidity) की मात्रा भरपूर होती है। इसलिए जब पछुआ हवा चलती है तो हमें पसीना कम आता है, वही पूरब से चलने वाली हवा में पसीना ज्यादा आता है।