प्रमाणिक समय, कटिबंध और लीप वर्ष के बारे में संक्षिप्त जानकारी।

प्रमाणिक समय

प्रत्येक स्थान का स्थानीय समय अलग-अलग होता है, जिसके कारण समय में एकरूपता नहीं हो सकती है। अतः स्थानीय समय के अनुसार कार्य करने पर भ्रम उत्पन्न हो सकता है। इसी कठिनाई को दूर करने के लिए किसी ऐसे स्थान के स्थानीय समय को प्रमाणिक समय (Standard time) मान लिया जाता है, जो देश के मध्यवर्ती भाग में अवस्थित होता है। जैसे – 82.5 डिग्री पूर्वी देशांतर पर स्थित इलाहाबाद का नैनी स्थान का स्थानीय समय भारत का प्रमाणिक समय माना जाता है। 82.5 डिग्री पूर्वी देशांतर पर स्थित राज्य – उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा.

कटिबंध

प्रत्येक गोलार्ध को ताप के आधार पर 4 भागों में बांटते हैं। इन भागों को कटिबंध कहते हैं।

  1. उष्ण कटिबंध – 30° उत्तर – 30° दक्षिण
  2. उपोष्ण कटिबंध – 30-45° उत्तर – 30-45° दक्षिण
  3. शीतोष्ण कटिबंध – 45-66° उत्तर – 45-66° दक्षिण
  4. ध्रुवीय कटिबंध – 66-90° उत्तर – 66-90° दक्षिण

लीप वर्ष

पृथ्वी, सूर्य की परिक्रमा 365 दिन 5 घंटे, 48 मिनट में करती है, परंतु वर्ष में 365 दिन ही माने जाते हैं, शेष समय को प्रत्येक 4 वर्ष में 1 दिन मानकर फरवरी माह में जोड़ दिया जाता है। जिससे प्रत्येक 4 वर्ष में फरवरी 28 दिन की जगह 29 दिन की होती है, इसे लीप वर्ष कहते हैं।

महत्वपूर्ण तथ्य

  1. अंतरराष्ट्रीय तिथि रेखा प्रशान्त महासागर के बीच से होकर गुजरती है. यह एक काल्पनिक रेखा है जो 180° देशान्तर पर उत्तर से दक्षिण की ओर खींची गई है
  2. अंतरराष्ट्रीय समय अर्थात अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा के पूर्व व पश्चिम में 1 दिन का अंतर पाया जाता है। यह 0° से 180° डिग्री पूर्व की ओर जाने पर 12 घंटे की अवधि लगती है एवं यह ग्रीनविच समय से 12 घंटे आगे होता है। इसी प्रकार 0° से 180° पश्चिम की ओर जाने पर ग्रीनविच समय से 12 घंटे का समय मिलता है।
  3. अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा टेढ़ी मेढ़ी इसलिए है, क्योकि अगर ये रेखा सीधी होती तो एक ही स्थान को दो भागों में काट देती और एक ही स्थान पर एक दिन में दो तिथियां हो जातीं।
  4. भारत के सन्दर्भ में अगर बात करते है तो भारत के सर्वाधिक पूर्व (अरुणाचल प्रदेश) व पश्चिम (गुजरात) में स्थित स्थानों के स्थानीय समय में 5 घंटा, 30 मिनट का अंतर होता है।
  5. अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा और भारत के परिपेक्षय में अंतर 1995 में अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा को अपने देश के पूरब में ढकेल कर सारे देश को रेखा के पश्चिम में कर लिया था। इसी कारण हवाई द्वीप और किरीबाती द्वीप जो पहले कभी एक ही देशांतर पर हुआ करते थे अब उनकी तारीखों में पूरे 24 घंटे का अंतर आ गया है।
  6. भारत में भी प्रमाणिक समय का निर्धारण करने के लिए 82½º पूर्वी देशांतर रेखा को आधार माना गया है। इस तरह भारत के प्रमाणिक समय में ग्रीनविच समय से 5 घंटे, 30 मिनट का अंतर है और यह 5:30 घंटा आगे है। यह रेखा प्रयागराज (इलाहबाद) के पास नैनी नामक स्थान से गुजरती है.
  7. अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा प्रशांत महासागर से हो कर गुजरती है। अगर हम देशो की बात करें तो इसका अधिकतर भाग जल के ऊपर है, जिसमे न्यूजीलैंड, फ़िजी, समोआ, टोंगा, पूर्वी साइबेरिया का कुछ हिस्सा और अल्युशिन द्वीप समूह आदि से होकर यह रेखा गुजरती है। 
  8. एक देश के विभिन्न भागों या द्वीपों का समय एक समान रखने के लिए इस रेखा को आर्कटिक महासागर में 75 डिग्री उत्तरी अक्षांश पर महाद्वीप से बचने के लिए, पूर्व की ओर मोड़कर बेरिंग जल सन्धि (उत्तर-पूर्वी एशिया और उत्तर-पश्चिमी उत्तर अमेरिका को पृथक करने वाली एक खाड़ी ) से निकाली गई। बेरिंग सागर में यह पाश्चिम की ओर मोड़ी गई हैं।

1 thought on “प्रमाणिक समय, कटिबंध और लीप वर्ष के बारे में संक्षिप्त जानकारी।”

  1. Pingback: ग्रीनविच रेखा कहाँ से गुजरती है I Greenwich Rekha kahan se gujarti hai I Greenwich mean time - Mountain Ratna

Comments are closed.

Scroll to Top
10 TYPES OF ROSES FOR YOUR LOVELY HOME OR GARDEN Benefits of Gulmohar Tree or Plant Some important facts about IRIS plant