भारत के मैदानी भागों से लेकर 2500 मीटर उँचाई वाले पहाडी क्षेत्रों तक मक्का (Maize) उगाया जाता है। इसे सभी प्रकार की मिट्टियों में उगाया जा सकता है तथा बलुई और दोमट मिट्टी मक्का की खेती के लिये अच्छी मानी जाती है। मक्का एक ऐसा खाद्यान्न है जो गेहूं, धान के बाद तीसरे स्थान पर आता है। यह मोटे अनाज की श्रेणी में आता तो है, परंतु इसकी पैदावार पिछले दशक में भारत में एक महत्त्वपूर्ण फसल के रूप में मोड़ ले चुकी है, क्योंकि यह फसल सभी मोटे व प्रमुख खाद्दानो की बढ़ोत्तरी दर में सबसे अग्रणी है।
आजकल गेहूँ और धान के साथ-साथ मक्का को भी विशेष महत्व दिया जा रहा है। भारत के कहीं-कहीं क्षेत्र में मक्का को विशेष फसल के रूप में उगाया जाता है। भारत में बहुत से किसान मक्का के खेत में तरबूज एवं खरबूजे की फसल का उत्पादन भी करते हैं, जो एक बहु-फसलीय (Multi Crop) उदाहरण है। मक्का की फसल को पशु चारे के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।
मक्का खरीफ की फसल है। फिर भी इसे तीन फसलों के रूप में उगाया जाता है।
- खरीफ के रूप में (जून से जुलाई तक)
- रबी के रूप में (अक्टूबर से नवम्बर तक)
- जायद के रूप में (फरवरी से मार्च तक)
वर्तमान समय में भारतीय किसान मक्का (Maize) की फसल को नकदी फसल (Cash Crop) के रूप में प्रयोग कर रहे हैं। फिर भी भारत मक्का के उपयोगो मे काफी पिछडा हुआ है। जबकि अमरीका में यह एक पूर्णतया औद्याोगिक फसल (Industrial Crop) के रूप में उत्पादित की जाती है और इससे विविध औद्याोगिक पदार्थ (Miscellaneous Industrial Products) बनाऐ जाते है। भारत में मक्का का महत्त्व खाद्यान्न एवं पशुओं के लिए चारा (Cattle feed) के रूप मे जाना जाता है जबकि सयुक्त राज्य अमरीका मे मक्का का अधिकतम उपयोग स्टार्च बनाने के लिये किया जाता है। भारत में मक्का की खेती जिन राज्यों में व्यापक रूप से की जाती है।
वे हैं : आन्ध्रप्रदेश, बिहार, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश इत्यादि। इनमे से राजस्थान में मक्का का सर्वाधिक क्षेत्रफल है व आन्ध्र प्रदेश में सर्वाधिक उत्पादन होता है।
महत्वपूर्ण तथ्य
- मक्के में कैरोटिनॉयड्स, मैग्नीशियम, आयरन, फेरुलिक एसिड, बीटा-कैरोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, बायोफ्लेवोनॉयड्स, कैरोटेनॉयड्स, विटामिन्स और फाइबर सहित कई तरह के पौषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर के विकास के लिए जरूरी हैं और बीमारियों से भी बचाते हैं।
- मक्के की भूमि की तैयारी करते समय 5 से 8 टन अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद खेत मे मिलाना चाहिए तथा भूमि परीक्षण उपरांत जहां जस्ते की कमी हो वहां 25 कि. ग्रा./हे जिंक सल्फेट वर्षा से पूर्व डालना चाहिए।
- सरकार ने 2023-24 में मक्का की फसल के लिए MSP 1962 रुपए से बढ़ाकर 2090 रुपए कर दिया है।
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