Australia Mahadeep in Hindi | आस्ट्रेलिया महाद्वीप

ऑस्ट्रेलिया विश्व का सबसे छोटा महाद्वीप है, जिसका क्षेत्रफल 7,95,6000 वर्ग किमी है। इसका अक्षांशीय (Latitudinal) विस्तार 10°S से 44°S अक्षांश तक देशांतर (longitude) विस्तार 113°E से 154°E तक ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप की पूर्व से पश्चिम अधिकतम लंबाई 4000 किमी तथा उत्तर से दक्षिण तक लंबाई 3000 किमी है। 

ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप पूर्णतः दक्षिण एवं पूर्वी गोलार्ध (South & East Hemisphere) में है। मकर रेखा (Tropic of Capricorn) ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप के लगभग मध्य से गुजरती है। जिससे इसका आधा उत्तरी भाग उष्णकटिबंधीय (Tropical) क्षेत्र में एवं दक्षिण भाग समशीतोष्ण कटिबंधीय (Temperate tropical) क्षेत्र में स्थित है।

ऑस्ट्रेलिया की खोज में तस्मान एवं कुक की साहनिक यात्राओं का विशेष महत्व है। तस्मान ने 1641 ईसवी में आस्ट्रेलिया की यात्रा की और पहला व्यक्ति था, जिसने आस्ट्रेलिया के दक्षिणी भाग का पता लगाया लेकिन तस्मान ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तट तक नहीं पहुंच सका था।
ऑस्ट्रेलिया के संबंध में विस्तृत जानकारी देने का श्रेय कुक को जाता है। उसने पहली यात्रा 1769 ईस्वी में की और न्यूजीलैंड तक पहुंचा। कुक की दूसरी यात्रा 1770 ईस्वी में हुई और इस समय कुक ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तट की और बढ़ा और पूर्वी तट पर स्थित बोटनी की खाड़ी पहुंचा। कुक ने इसे एक भूला हुआ महाद्वीप कहा और मानव बसाव के लिए उपयुक्त बताया।

ब्रिटेन में अमेरिका क्रांति के समय युद्ध बंदियों को देश के बाहर रखने के लिए ऑस्ट्रेलिया का उपयोग 1778 के बाद काला पानी निवास (Penal Colony) के रूप में किया गया था। 1830-50 ईसवी में यहां बड़ी संख्या में यूरोपीय जनसंख्या आकर बसी, जिसमें अधिकतर ब्रिटिश थे। इनमें प्रोटेस्टेंटों की प्रधानता थी। ऑस्ट्रेलिया की 98% जनसंख्या यूरोपीय मूल की है।

ऑस्ट्रेलिया में यूरोपियों के आगमन से पहले रहने वाले मूलवंश को अमरोजिन कहा जाता है, जिसे यूरोपीय ‘काला आदमी’ (Black Man) के नाम से पुकारते हैं। आस्ट्रेलिया की जनजातियां अधिकांशत बैरियर रीफ (Barrier Reef) पर रहती हैं।  वर्तमान में इनकी संख्या अत्यंत सीमित है।

ऑस्ट्रेलिया के भौतिक प्रदेश

ऑस्ट्रेलिया में उच्चावच संबंधी विभिन्नता अन्य महाद्वीपों की अपेक्षा कम है। स्थलाकृतिक विशेषताओं के दृष्टिकोण से आस्ट्रेलिया को निम्न भागों में बांटते हैं :

  1. पूर्वी पर्वतीय श्रेणियां (Eastern Mountain Ranges) 
  2. पश्चिमी पठारी क्षेत्र (Western plateau) 
  3. मध्यवर्ती मैदानी क्षेत्र (Intermediate plains) 
  4. तटवर्ती प्रदेश (Coastal region) 
  5. फलींडर्स पहाड़ियों का प्रदेश (Phalinders Hills)

(1) पूर्वी पर्वतीय श्रेणियां

पूर्वी पर्वतीय श्रेणियां उत्तर में यार्क अन्तरीय (Internal) से दक्षिण में तस्मानिया द्वीप तक 4500 किमी की लंबाई में विस्तृत है। बॉस की खाड़ी (Bay of Boss) में यह समुद्र की सतह के नीचे हैं। पूर्वी पर्वतीय श्रेणियां ग्रेट डिवाइडिंग रेंज (Eastern Mountain Ranges Great Dividing Range) के नाम से जानी जाती हैं। यह एक अपरदित पर्वत (Eroded mountain) है। इन पर्वत श्रेणियों का निर्माण हर्सिनियन भू-संचलन (Hercynian Earth Movement) के समय हुआ है। इसकी उत्पत्ति क्षैतिज (Horizontal) अवसादों की भूगर्भिक हलचलों से ऊपर आने एवं वलन तथा भ्रंशन (Folds and faults) की क्रियाओं के फलस्वरुप हुई थी। पूर्वी पर्वतीय श्रेणियों की सर्वोच्च चोटी कोसियस्को है, इसे ऑस्ट्रेलिया आल्पस कहते हैं। यह क्वींसलैंड में स्थित है।

पूर्वी पर्वत श्रेणियां क्वींसलैंड प्रदेश तक विस्तृत पठार के रूप में है। जिसकी ऊंचाई प्रत्येक जगह लगभग 300 मीटर से ऊंची है। क्वींसलैंड प्रदेश की सर्वोच्च चोटी बार्टल फ्रेरे (Bartle Ferer) पर्वत है, जो अर्थटन पठार पर स्थित है। क्वींसलैंड क्षेत्र में ग्रेगरी रेंज, एक्सीपीडीशन रेंज डार्लिंग डाउंस के ऊंचे क्षेत्र हैं। न्यूसाउथ वेल्स के क्षेत्र में ग्रेट डिवाइडिंग श्रेणी का प्रमुख भाग न्यू-इंग्लैंड श्रेणी, लिवरपुल श्रेणी तथा स्नोई पर्वत है। इसी क्षेत्र में सर्वोच्च शिखर कोसियस्को स्थित है। ब्ल्यू पठार (Blue Plateau) भी इसी क्षेत्र में स्थित है।

पूर्वी पर्वतीय क्षेत्र के उत्तरी भाग को अर्थटन पठार, मध्य भाग को ब्लू पठार तथा दक्षिणी भाग को आस्ट्रेलिया अल्पस कहा जाता है। विक्टोरिया प्रांत में कोसियस्को पर्वत के दक्षिण में ग्रेट डिवाइडिंग श्रेणी (Great Dividing Range) की दिशा उत्तर दक्षिण से बदलकर लगभग पूर्व पश्चिम हो जाती है। यह प्रदेश क्रिटेशस युग में समप्राय मैदान अवस्था में पहुंच गया था, जो प्लीस्टोसीन युग में पुणे ऊपर उठ गया, यहां बोगोंग, होयम जैसे मोनेडनाक्स भी है।

तस्मानिया को ग्रेट डिवाइडिंग श्रेणी का ही अंतिम विस्तार माना जाता है। यह क्षेत्र एक अवरोधी पर्वत (Barricade Mountain) की तरह है, जिसके किनारों पर वेदिकायुक्त ग्रंथों से कगारों का निर्माण हुआ है, जिसे स्थानीय रूप से ‘टियस (Tias)’ कहा जाता है। यहां का सर्वोच्च शिखर ‘लगे चोटी (Lage top)’ है। पूर्वी पर्वतीय क्षेत्र मुख्यत: परतदार (flaky) चट्टानों से बना हुआ है,  कहीं-कहीं इसका रूपांतरण भी हुआ है, लेकिन जहां बालु पत्थर परतदार अवस्था (Flaky Stage) में है, वहां वर्षा का जल अंतः प्रवाह करते हुए मैदानी क्षेत्र में पहुंचता है। वहां विश्व के सबसे बड़े ग्रेट आर्टीजिन बेसिन (Artesian Basin) तथा समान तटीय बेसिन बने हैं। विश्व का सबसे बड़ा भूमिगत जल स्रोत/उत्स्रुप कुए (Water Sources) का क्षेत्र यही स्थित है।

(2) पश्चिमी पठारी प्रदेश (Western Plateau)

पश्चिमी पठारी प्रदेश का विस्तार ऑस्ट्रेलिया के कुल क्षेत्र के लगभग 51% भाग पर है, जो उच्चावच (Relief) के दृष्टिकोण से लगभग एक-सा है। इसका निर्माण आग्नेय चट्टानों से हुआ है और यह एक समप्राय मैदान की तरह है। इसकी औसत ऊंचाई 150 से 600 मीटर है। पश्चिमी पठारी प्रदेश के मध्य में मध्यवर्ती पहाड़ियां हैं, जिसके दक्षिणी भाग में मरुस्थल है। मध्यवर्ती पहाड़ियां मैकडोनेल श्रेणियों (McDonnell Ranges) के नाम से जानी जाती है। मैकडोनेल श्रेणियों में उत्तरी भाग में डेवनपोर्ट रेंज 610 मीटर, मध्यवर्ती भाग में मैकडोनेल पहाड़ियां 1465 मीटर तथा दक्षिणी भाग में जेम्स श्रेणी (James Range) स्थित है।

पठार के उत्तरी भाग में हेमर्सले औप्थालमियां पठार स्थित है। इसी क्षेत्र में अगस्त्स पर्वत है जो 1100 मीटर ऊंचा है। उत्तर में पठार की समतल भू-आकृति पर किंबरले का पठार स्थित है। पूर्वोत्तर में बर्कले पठार पूर्वी पर्वत श्रेणियों में मिल जाता है। किंबरले के पठार से विक्टोरिया नदी निकलती है जो जोसफ बोनापार्ट की खाड़ी में गिरती है।

(3) मध्यवर्ती मैदान (Intermediate Plains)

ऑस्ट्रेलिया के मध्यवर्ती मैदान की स्थिति पूर्वी पर्वत श्रेणियों तथा पश्चिमी पठार के मध्य में है। इसे तीन भागों में बांटते हैं।

  • कारपेन्ट्रिया का मैदान
  • मर्रे-डार्लिंग बेसिन 
  • आयर झील प्रदेश

कारपेन्ट्रिया का मैदान, कारपेन्ट्रिया की खाड़ी से संलग्न है। अक्षांश ऐसी स्थिति में यह मैदान दक्षिणी अमेरिका के कैरेबियन सागर से मेल खाता है यह समुद्री निक्षेप से निर्मित मैदान है। कारपेन्ट्रिया के मैदान से ही संलग्न दक्षिण में ऑस्ट्रेलिया का आर्टीजियन बेसिन है, जो 150 मीटर से कम ऊंचा है। मर्रे-डार्लिंग बेसिन लगभग समतल विभाग है। इसके पश्चिम में प्राचीनतम शैल से निर्मित ब्रोकेनहिल का पहाड़ी भाग है।

आयर झील प्रदेश आंतरिक जलप्रवाह (Water Flow) का क्षेत्र है, इसकी ऊंचाई 150 मीटर से कम है तथा कुछ भाग समुद्र की सतह से 12 मीटर नीचा है।
ऑस्ट्रेलिया में 2 प्रकार के घास के मैदान पाए जाते है, जिनमे :

  1. सवाना घास के मैदान (उपोष्ण)
  2. डाउन्स घास के मैदान (शीतोष्ण) या ऑस्ट्रेलिया की पार्क भूमि भी कहते है

(4) तटवर्ती प्रदेश (Coastal Region)

तटवर्ती प्रदेश की स्थिति ऑस्ट्रेलिया के चारों ओर है इसकी औसत ऊंचाई 300 मीटर से कम है तीनों दक्षिणी महाद्वीपों में ऑस्ट्रेलिया का तट अधिक कटा फटा है, जिस पर अनेक प्राकृतिक पोताश्रय है। उत्तरी तटीय मैदान जलोढ़ निर्मित है जिसकी औसत चौड़ाई 40 से 160 किमी है। पूर्वी तटीय मैदान पहाड़ी नदियों द्वारा लाए गए जलोढ़को के निक्षेप से निर्मित है, यहां क्वींसलैंड के दक्षिणी भाग में तटीय मैदान विस्तृत है, जो अत्यंत संकरा है।

क्वींसलैंड राज्य के तट पर विश्व प्रसिद्ध ग्रेट बैरियर रीफ स्थित है, जो 24 डिग्री दक्षिणी अक्षांश से उत्तर की ओर लगभग 2000 किमी की लंबाई में विस्तृत है। ग्रेट बैरियर रीफ तट से समान्यत: 45 किमी दूर है, लेकिन उत्तर से दक्षिण की ओर क्रमशः यह दूरी बढ़ती जाती है। ग्रेट बैरियर रीफ जो विश्व की सबसे बड़ी प्रवाल भित्ति है, जिसे पानी का बगीचा भी कहते है, यह पूर्वी प्रशांत महासागर में पायी जाती है। यह एक अवरोधक भित्ति है, जो सेलेनटोरोटा पॉलिप नमक समुद्री जीव के अवशेष के जमा होने से इसकी उत्पत्ति होती है, जिसे मूंगे की चट्टान (प्रवाल, कोरल या एटॉल) कहते है।

ऑस्ट्रेलिया के पश्चिम में हिन्द महासागर होने के कारण यहाँ विली-विली नमक उष्ण कटिबंधीय चक्रवात आते है। ऑस्ट्रेलिया का पश्चिमी भाग मरुस्थलीय होने के कारण यहाँ ब्रिक फील्डर नमक गर्म स्थानीय हवाएं चलती है। ग्रेट विक्टोरिया डेज़र्ट जो ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी भाग में स्थित है, जो पूरी तरह से रेगिस्तान में तब्दील है, उसका एकमात्र कारण हिन्द महासागर में बहने वाली ठंडी पश्चिमी ऑस्ट्रेलियाई धारा है तथा विक्टोरिया डेज़र्ट के पूर्वी भाग का कारण ग्रेट बैरियर रीफ है, जो प्रशांत महासागर से होने वाली वर्षा को रोककर अवरोधक का काम करता है तथा पूर्वी क्षेत्र वर्षा न होने के कारण वृष्टि छाया प्रदेश कहलाता है।

तटवर्ती मैदान की सबसे कम चौड़ाई पश्चिमी तट पर है, क्योंकि यह भ्रंश कगार (Fault verge) की स्थिति है। दक्षिण तट पर नलबार मैदान (Nalbar Plain) सर्वाधिक चौड़ा है।

(5) फिलंडर्स पहाड़ियां

फिलंडर्स पहाड़ियां दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया में स्थित है, जिसका विस्तार पोर्ट अगस्ता के उत्तर में आयर झील से होकर उत्तर में क्वींसलैंड में पूर्वी पर्वत श्रेणी में मिल जाता है। पोर्ट अगस्ता के उत्तर में आयर झील पर ये फिलंडर्स पहाड़ियों के नाम से जानी जाती है तथा ब्रोकनहिल के उत्तर में ग्रे रेंज (Gray Range) के नाम से जानी जाती है। सेंट नेरी शिखर यहां की सर्वोच्च चोटी है। लाफटी पर्वत यहां स्थित अपशिष्ट पर्वतीय भाग हैं। फिलंडर्स पहाड़ियां खनिज संसाधन की दृष्टिकोण से संपन्न है।

ऑस्ट्रेलिया का अपवाह क्षेत्र नदियां

ऑस्ट्रेलिया में किसी बड़ी एवं प्रवाहशील नदी का अभाव है अर्थात यहां विभिन्न जल प्रवाह क्षेत्र नहीं पाए जाते हैं। ऑस्ट्रेलिया का महत्वपूर्ण अपवाह प्रदेश मर्रे डार्लिंग नदियों का क्षेत्र है। ऑस्ट्रेलिया का दूसरा प्रमुख क्षेत्र आयर झील प्रदेश का आंतरिक जलप्रवाह का क्षेत्र है।

(I) मर्रे-डार्लिंग का जल प्रवाह क्षेत्र

इस प्रकार, ग्रेट डिवाइडिंग रेंज से डार्लिंग नदी तथा ब्लू माउंटेन से मुर्रे नदी निकलकर मुर्रे-डार्लिंग नदी का निर्माण करती है और स्पेंसर की खाड़ी में अपना जल गिराती है। मुर्रे और डार्लिंग नदियों के बीच में एक उपजाऊ क्षेत्र पाया जाता है, जिसे रेवेरिना (दोआब क्षेत्र – दो नदियों के बीच का क्षेत्र) कहते है, जहाँ पर गेहूं का उत्पादन किया जाता है।

मर्रे-डार्लिंग का अपवाह प्रदेश पूर्व एवं दक्षिण में पूर्वी पर्वत श्रेणियों, उत्तर में उत्स्रुक बेसिन तथा पश्चिम में फिलंडर्स पहाड़ियों के मध्य स्थित है। मर्रे-डार्लिंग नदियां वृद्धावस्था में पहुंच गई हैं। डार्लिंग नदी पूर्वी पर्वतीय प्रदेश से निकलती है। वेन्टवर्थ के पास मर्रे नदी एवं डार्लिंग नदियां मिलती है। तात्यावल्का डार्लिंग की शाखा है, जो विलकेनिया के समीप निकलती है। मर्रे नदी आस्ट्रेलिया की एकमात्र नदी है, जिसमें लगभग वर्ष भर पानी रहता है। लाचवान एवं मुरूमबीजी मर्रे नदी की प्रमुख सहायक नदियां है। मर्रे नदी के मार्ग में मोड़ एवं गोखुर झील की प्रधानता है।

(II) आयर झील प्रदेश का अपवाह क्षेत्र

ऑस्ट्रेलिया के आर्टीजियन बेसिन के दक्षिण में, 150 मीटर से कम ऊंचाई वाली सतह पर लगभग 13 लाख वर्ग किमी क्षेत्र पर इस जल प्रवाह क्षेत्र का विस्तार है। आयर झील प्रदेश में 15 सेंमी से कम वर्षा होने के कारण शुष्कता का प्रभाव अधिक है और अधिकांश नदियां झील में मिलने से पहले ही अस्तित्व विहीन हो जाती हैं।

महत्वपूर्ण तथ्य

  1. ऑस्ट्रेलिया के भाग – State & its Capital
  • क्वींसलैंड               (ब्रिसबेन) 
  • न्यूसाउथ वेल्स        (सिडनी) 
  • विक्टोरिया             (मेलबर्न) 
  • दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया  (एडीलैंड) 
  • पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया   (पर्थ)
  1. कैनबरा, ऑस्ट्रेलिया की राजधानी है।
  2. इसे द्वीपीय महाद्वीप भी कहा जाता है।
  3. मकर रेखा इसके बीच से होकर गुजरती है।
  4. इसे प्यासी भूमि का देश भी कहा  जाता है।
  5. यह दक्षिणी गोलार्ध में स्थित है।
  6. इसे कंगारू की भूमि भी कहा जाता है।
  7.  ग्रेट डिवाइडिंग रेंज, ऑस्ट्रेलिया में ही स्थित है तथा इसके निम्न भाग है, जैसे –
    (1) ग्रेट डिवाइडिंग रेंज (यह एक नविन पर्वत माला है जो चौथे स्थान पर आती है जिनमे एंडीज  पर्वतमाला, रोकी पर्वतमाला और हिमालय पर्वतमाला है)
    (2) न्यू इंग्लैंड
    (3) ब्लू माउंटेन्स
    (4) आल्पस ऑस्ट्रेलिया
  8. रेनॉल्ड्स रेंज, मैक्डोनाल्ड रेंज तथा आयर झील ऑस्ट्रेलिया के मध्य भाग में पाए जाते है।
  9. ग्रेट विक्टोरिया डेज़र्ट या रेगिस्तान, ऑस्ट्रेलिया के लगभग मध्य भाग में पाया जाता है, जिसमे –
    (1) गिब्सन रेगिस्तान
    (2) सेंडी रेगिस्तान
    (3) तनामी रेगिस्तान
    (4) सिमसन रेगिस्तान
    (5) विक्टोरिया रेगिस्तान
  10. एमु नमक पक्षी भी इसी रेगिस्तान में पाया जाता है।
  11. खनिज के क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया –
  • बॉक्साइट के लिए :   बाक्साइड जो एल्युमीनियम का अयस्क है, यह ऑस्ट्रेलिया के वाईपा क्षेत्र में पाया जाता है (विश्व में सबसे ज्यादा बॉक्साइट भंडार), जबकि उत्पादन चीन में सबसे ज्यादा किया  जाता है।
    पृथ्वी पर पायी जाने वाली सर्वाधिक धातु एल्युमीनियम है और पृथ्वी में पायी जाने वाली सर्वाधिक धातु लौहा है।
    सीसा और जस्ता जुड़वां खनिज कहलाते है।
  • लौह अयस्क के लिए :  पिलवरा खान
  • पेट्रोलियम के लिए :  एलिस स्प्रिंग क्षेत्र
  • सीसा, जस्ता, चाँदी के लिए :  ब्रोकन हिल्स
  • स्वर्ण के लिए :  कालगूर्ली की खान और कलगार्डी की खान, ये दोनों खानें पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के ग्रेट विक्टोरिया डेज़र्ट में स्थित है। सोना उत्पादन में ऑस्ट्रेलिया चीन के बाद दूसरे स्थान पर है।
  • यूरेनियम के लिए :  मेरी कैथरीन क्षेत्र, यहाँ विश्व के सबसे ज्यादा भंडार है, मगर उत्पादन कनाडा में सबसे ज्यादा होता है।
  1. न्यूजीलैंड जो ऑस्ट्रेलिया से तस्मान सागर से अलग होता है, यह दो भागो में बटा है उत्तरी द्वीप तथा दक्षिणी द्वीप। इसकी राजधानी वेलिंग्टन, जो विश्व की सबसे दक्षिण की राजधानी है। न्यूजीलैंड को दो भागो में बाटने वाली जलसंधि कुक जलसंधि है। यहाँ माउंट कुक जो ऑस्ट्रेलिया की सबसे ऊँची छोटी है। यहाँ घास के उपजाऊ मैदान कैंटरबरी पाए जाते है।
  2. टॉरस जलसंधि जो पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया के बीच में तथा बॉस जलसंधि जो तस्मान द्वीप को ऑस्ट्रेलिया से अलग करता है। India24
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