पेट्रोल की वर्तमान जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार निजी तथा सरकारी कंपनियों की मदद से पेट्रोलियम की पूर्ति को पूरा कर रही है। मगर जिस दर से पेट्रोल, डीजल के रेटों में बढ़ोतरी हुई है, उस हिसाब से इसे भविष्य में जारी रखना मुश्किल हो जाएगा। क्योंकि पेट्रोलियम एक पुनः उत्पादित उर्जा नहीं है, एक बार खत्म होने के बाद इसे दोबारा से उत्पादित करने के लिए हजारों वर्ष का समय लग जाता है। इसलिए इसका वैकल्पिक तलाशना हमारे लिए बहुत जरूरी है। क्योंकि जिस प्रकार से वर्तमान समय में वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, उसी तरह इंधन की पूर्ति करने के लिए हमें पेट्रोलियम का विकल्प तलाशना अनिवार्य हो जाएगा।
वैज्ञानिकों द्वारा अभी तक छह विकल्प तलाशे जा चुके हैं जैसे .
(1) बायोडीजल
बायोडीजल पारंपरिक या जीवाश्म डीजल या पेट्रोलियम डीजल के स्थान पर एक वैकल्पिक ईंधन है। इसे प्रत्यक्ष रूप से वनस्पति तेल, पशुओं के बसा, तेल और खाना पकाने के अपशिष्ट तेल से उत्पादित किया जा सकता है। इन वनस्पति पदार्थों या तेलों को बायोडीजल में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को ट्रांस इस्टरीकरण कहते हैं।
चूंकि बायोडीजल सेलुलोस जैसे पदार्थों से बनाया जा सकता है, किंतु इसका अधिक उत्पादन करने के लिए हम फसलों का उपयोग ज्यादा करते हैं, जिनमें जेट्रोफा, करंज, गन्ना, सूरजमुखी तथा सोयाबीन जैसी फसलें आती हैं। जिनकी सहायता से वर्तमान समय में (जेट्रोफा तथा गन्ने की सहायता से) सबसे ज्यादा बायोडीजल बनाया जा रहा है। मई 2018 को भारत सरकार द्वारा जारी नीति के अनुसार, बायोडीजल की नीति को लागू करने वाला देश का पहला राज्य राजस्थान बना। इस प्रकार बायोडीजल एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
(2) इलेक्ट्रिसिटी
इलेक्ट्रिसिटी वर्तमान समय में सबसे अच्छा विकल्प है। वर्तमान समय में पेट्रोलियम के बाद सबसे ज्यादा वाहन इलेक्ट्रिसिटी के माध्यम से ही चल रहे हैं। यह पर्यावरण के अनुकूल है। वाहन के अंदर बैटरी लगी होती है, जिसकी सहायता से इंजन को ऊर्जा मिलती है। वर्तमान में विश्व के सभी देश इलेक्ट्रिक वाहनों को सुचारू रूप से चलाने के लिए बहुत-सी योजनाएं भी चला रहे हैं। सरकार इस पर सब्सिडी भी देती है तथा इसे चलाना बहुत आसान है। निजी कंपनियां तथा सरकार दोनों ने मिलकर इसके लिए चार्जिंग स्टेशन की भी स्थापना की है, जहां पर इसे चार्ज किया जा सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार 2014 तक अमेरिका में इसके चार्जिंग के लिए लगभग 9000 चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा चुके थे।
(3) इथेनॉल
इथेनॉल एक एल्कोहलिक पुनः उत्पादित होने वाला ईंधन है। इसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में ईंधन की तरह इस्तेमाल किया जाता है। एथेनॉल का उत्पादन सबसे ज्यादा गन्ने की फसल से होता है, मगर शर्करा तथा अन्य फसलें भी एथेनॉल उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यह ईंधन पर्यावरण के अनुकूल है।
इथेनॉल (एथिल अल्कोहल) का औद्योगिक उत्पादन किण्वन विधि से किया जाता है। इसके लिए गन्ने के रस से गाढ़ा द्रव प्राप्त किया जाता है जिसे शीरा कहते हैं। इसी शीरा में पानी मिलाकर इतना पतला किया जाता है कि उसका सांद्रण 8 से 10% हो जाए।
(4) हाइड्रोजन
हाइड्रोजन को एक स्वच्छ और अधिक ऊर्जा वाला ईंधन माना जाता है। यहां जल वैज्ञानिक प्रोफेसर विवेकानंद मिश्रा कहते हैं कि 1 किलो हाइड्रोजन में प्राकृतिक गैस से 2.6 गुना ज्यादा एनर्जी निकलती है।
(5) प्राकृतिक गैस
यह कई गैसों का मिश्रण होता है, जिसमें सबसे ज्यादा मिथेन गैस होती है। तथा 0 से 20% तक अन्य उच्च हाइड्रोकार्बन कैस पाई जाती हैं। यह प्राकृतिक गैस ईंधन का मुख्य स्रोत है। यह एक रंगहीन तथा गंधहीन पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा स्रोत है, जिसमें मुख्य रुप से मिथेन मिला होता है। यह पेट्रोलियम कुओं से निकाली जाती है, जिसमें 95 प्रतिशत हाइड्रोकार्बन होता है।
(6) प्रोपेन
इसे LPG (Liquid Petroleum Gas) भी कहा जाता है, जो विश्व के प्रत्येक क्षेत्र में उपलब्ध है। हम इसे अपने घरों तथा वाहनों में ईंधन के रूप में प्रयोग करते हैं। Propane एक ज्वलनशील हाइड्रोकार्बन गैस है, जिसे दबाव के माध्यम से तरलीकृत किया जाता है। इसे अपेक्षाकृत कम दबाव पर तरल में संपीडित किया जा सकता है।
प्रोपेन प्राकृतिक गैस प्रसंस्करण और पेट्रोलियम शोधन से प्राप्त होती है। इसके साथ मिलने वाली गैसों में ब्यूटेन व आइसो-ब्यूटेन शामिल है। इस मिश्रण को एलपीजी भी कहा जाता है।
इस प्रकार, पेट्रोल तथा डीजल के बहुत विकल्प हैं। इसके अलावा प्रकृति में कुछ ऐसे विकल्प हैं, जिन पर अभी खोज नहीं हुई है। वर्तमान समय में इन 6 विकल्पों पर ही सबसे ज्यादा आश्रित हैं। यह 6 ईंधन, जो पर्यावरण के अनुकूल हैं, वर्तमान समय में पेट्रोल तथा डीजल का सबसे अच्छा विकल्प है।
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