MSP in Hindi | MSP को कौन निश्चित करता है?

न्यूनतम समर्थन मूल्य/MSP कृषि उत्पादकों के लिए एक प्रकार की बीमा कीमत होती है। इसके द्वारा सरकार उत्पादक कृषको को आश्वासन देती है कि खाद्यान्नो की कीमत नियत कीमत से नीचे नहीं गिरने दी जाएगी। यदि कीमत MSP (Minimum Support Price) से निचे गिरती है तो सरकार घोषित न्यूनतम समर्थन कीमतों पर अनाजों को खरीद लेगी इस प्रकार न्यूनतम समर्थन मूल्य की संस्तुति कृषि लागत एवं मूल्य आयोग द्वारा एक वर्ष में दो बार यानि रबी और खरीफ में की जाती है। किसानो के हित और आत्मनिर्भरता को देखते हुए सरकार 23 मुख्य फसलों के लिए MSP की घोषणा करती आ रही है।

MSP फसल वर्ष से सम्बंधित है, इसमें उत्पादन की लागतों का परिकलन प्रति कुंतल और प्रति हेक्टेयर दोनों आधार पर लगाया जाता है, क्योकि राज्यों में लागत अंतर बहुत ज्यादा है इसलिए CACP ने सिफारिस की है कि MSP का निर्धारण C-2 लागत के आधार पर किया जाये। 

महत्वपूर्ण तथ्य


  1. 2023-24 के लिए घोषित नई दरों के बाद धान सामान्य (Paddy Normal) की खरीद का मूल्य प्रति क्विंटल 2183 रुपए हो गया है।
  2. वर्ष 2023-24 के लिए सरसों का नया समर्थन मूल्य 5450 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है
  3. जौ (Barley) का पिछले वर्ष न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹1635 था, जिसमें ₹35 प्रति क्विंटल की वृद्धि करके इस बार 2023-2024 की खरीद के लिए ₹1735 प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
  4. गेहूं का MSP मूल्य 2025 रुपये प्रति क्विंटल (2023-24) है देशभर में रबी विपणन सीजन 2023-24 के तहत गेहूं की खरीद एक अप्रैल से शुरू होती है
  5. The Commission for Agricultural Costs & Prices – CACP बाजार की अक्षमताओं से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह एक लाभकारी और स्थिर मूल्य वातावरण का आश्वासन प्रदान करता है। कृषि उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए यह महत्वपूर्ण है क्योंकि कृषि उपज के लिए बाजार स्थान स्वाभाविक रूप से अस्थिर होता है। यह आर्थिक मामलों के मंत्रालय के अधीन आता है न कि कृषि मंत्रालय के अधीन।
  6. C-2 : व्यापक लागत (C-2) उत्पादन की वास्तविक लागत है क्योंकि यह A-2  +  F-L दर के अलावा, किसानों के स्वामित्व वाली भूमि और मशीनरी पर किराए और ब्याज को ध्यान में रखती है। 
  7. MSP का उद्देश्य किसानों को विवश होकर सस्ते दाम पर फसल बेचने से बचाना है।
  8. CACP की सिफारिश पर वर्ष में दो बार रबी एवं खरीफ की फसल की बुवाई से पहले एमएसपी की घोषणा की जाती है।

FCI (Food Corporation of India) की स्थापना 1965 में की गई थी। जिसका काम बफर स्टॉक या खाद्य जमा करना है। इसे केंद्रीय पुल के नाम से भी जाना जाता है। सरकार FCI के माध्यम से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से जनता में वितरण करती है जिससे किसानों को अपनी फसल को सस्ते दाम पर ना बेचना पड़े।


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