विश्व में तिथि के निर्धारण एवं विश्व के तिथि परिवर्तन में एकरूपता रखने के लिए ग्रीनविच से 180 डिग्री देशांतर पर गुजरने वाली रेखा को अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा (International Date Line) माना गया है। इसका निर्धारण 1884 ईस्वी में किया गया था। अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा के दोनों ओर दो तिथियां होती है। पूर्व की ओर जाने पर एक तिथि जोड़ दी जाती है, जबकि पश्चिम की ओर जाने पर एक तिथि छोड़ दी जाती है। पृथ्वी लगभग 24 घंटे में एक बार घूमती है और 1 दिन आगे बढ़ता है, जिसका निर्धारण 180 डिग्री देशांतर के पूर्व की ओर जाने पर होता है। अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा एक सीधी रेखा में नहीं होकर तीन जगह मुड़ा हुआ है।
- साइबेरिया को विभाजित होने से बचाने एवं साइबेरिया तथा अलास्का को अलग करने के लिए 75 डिग्री उत्तरी अक्षांश के पास अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा को पूर्व की ओर मोड़ा गया है।
- बेरिंग सागर में इस रेखा को पश्चिम की ओर मोड़ा गया है।
- फिजी द्वीप समूह एवं न्यूजीलैंड के विभिन्न भागों को एक साथ रखने के लिए यह रेखा दक्षिणी प्रशांत महासागर में पूर्व दिशा की ओर मोड़ी गई है।
180 डिग्री देशांतर रेखा एक ही है। अतः इसके लिए पूर्व या पश्चिम नहीं लिखा जाता है। इस रेखा को पार करने पर नाविकों को एक तिथि घटानी या बढ़ानी पड़ती है। 180 डिग्री देशांतर के पूर्व से पश्चिम जाने पर एक तिथि छोड़ देनी पड़ती है, और पश्चिम से पूर्व जाते समय एक तिथि जोड़ लेनी पड़ती है।