Homeostasis in Hindi | समस्थिति क्या है | भू-संतुलन की संकल्पना

भू-पटल पर स्थित सभी आकृतियों एवं स्तंभों के बीच गहराई एवं घनत्व में भिन्नता के बावजूद स्थिरता एवं संतुलन बना रहता है। इस स्थिति को भू-संतुलन या समस्थिति कहते हैं। स्तंभों में पर्वत, पठार, मैदान, महासागरीय बेसिन आदि आते हैं। भू-संतुलन शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम डटन महोदय ने 1889 में किया था, लेकिन इस प्रकार […]

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भूसन्नति का अर्थ | भू-अभिनति का अर्थ | भूसन्नति के 6 प्रकार

भूसन्नति का अर्थ भूसन्नतियों को वर्तमान स्थलखंडों का उद्गमस्थल कहा जा सकता है। साधारण अर्थ में भूसन्नति से अभिप्राय जलपूर्ण-गर्त से लिया जाता है, जिनमें तलछट का जमाव होता रहता है। अधिकांश विद्वानों का यह भी विचार है कि सभी मोड़दार पर्वतों का निर्माण भू-अभिनति के द्वारा ही हुआ है। भूसन्नति की सामान्य विशेषताएं भूसन्नति

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अन्तर्जात बल | बहिर्जात बल | भ्रंश के प्रकार

भू-आकृतियों के विकास के नियंत्रण कारक (अन्तर्जात एवं बहिर्जात बल) पृथ्वी की सतह पर विभिन्न स्थलाकृतियों का विकास कुछ विशेष शक्तियों के प्रभाव के कारण होता है। इन शक्तियों में आंतरिक एवं बाह्य शक्तियां आती हैं। इन दोनों शक्तियों के प्रभाव से ही भू-पटल के स्वरूप में परिवर्तन आता है, तथा भू-पटल पर दृष्टिगोचर होने

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प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत | Plate Tectonic Theory in Hindi

प्लेट विवर्तनिकी एक ऐसा सिद्धांत है, जिसने भू-भौतिकी विज्ञान के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिया है। इस सिद्धांत की मान्यता ने भू-संतुलन, पर्वत निर्माण, ज्वालामुखी क्रिया, भूकंप आदि विवर्तनिक क्रियाओं के परंपरागत मान्यताओं को अस्वीकृत कर दिया तथा एक ऐसी संकल्पना प्रस्तुत की, जो भू-भौतिक विज्ञान से संबंधित मान्यताओं का वैज्ञानिक विश्लेषण करता है।

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Mahadwipiya Visthapan Siddhant | महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत

महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत वैगनर ने 1912 में दिया था वैगनर के पहले भी, स्नाईडर ने 1858 में महाद्वीपों के प्रवाह के संबंध में अपने विचार दिए थे। टेलर ने 1910 में भी महाद्वीपों के प्रवाह की परिकल्पना मोड़दार पर्वतों की व्याख्या के क्रम में प्रस्तुत की थी। टेलर ने कहा कि महाद्वीपों में क्षैतिज स्थानांतरण

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भूपटल की उत्पत्ति तथा विकास | पृथ्वी की उत्पत्ति कैसे हुई थी?

पृथ्वी सतह से केंद्र की ओर कई से संकेन्द्रीय परतों विभाजित है, इन परतों का निर्धारण घनत्व एवं संरचनात्मक विभिनता के आधार पर किया गया है। यह क्रमश: सतह से केंद्र की ओर (1) भूपटल (2) मेंटल (3) क्रोड है। भूपटल पृथ्वी की ऊपरी भाग है। जिसकी अवस्था ठोस है। इसमें विभिन्न खनिज एवं तत्व

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पृथ्वी की आंतरिक संरचना | पृथ्वी की भूगर्भिक संरचना का सामान्य वर्गीकरण

भूकंपीय तरंगों एवं सिस्मोग्राफ के गहन अध्ययन द्वारा भूगर्भिक संरचना को समझने में सहायता प्राप्त हुई है। विभिन्न भूकंपीय तरंगों की गति एवं पृथ्वी की भूगर्भ में उपस्थिति के आधार पर पृथ्वी को 3 मुख्य संकेंद्रीय परतों में विभाजित किया जा सकता है –  भूपटल या क्रस्ट  मेंटल या प्रवार  क्रोड या आंतरिक भाग पृथ्वी

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Internal Structure of the Earth in Hindi | पृथ्वी की आंतरिक संरचना | पृथ्वी की संरचना

पृथ्वी की आंतरिक संरचना में पर्याप्त विविधता पाई जाती है। यह विभिन्नता पदार्थों की संरचना, पदार्थों की अवस्था, घनत्व तथा पाए जाने वाले विभिन्न तत्वों एवं खनिजों के रूप में पाई जाती है। पृथ्वी की आंतरिक संरचना की विशेषताओं से संबंधित कई कार्य किए गए। जैसे स्वेश का कार्य, आर्थर होम्स का कार्य महत्वपूर्ण है,

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‘मानसून’ का अर्थ | बाढ़ के कारण | बाढ़ नियंत्रण के उपाय | सूखे के कारण

मानसून का अर्थ मानसून शब्द की उत्पत्ति अरब भाषा के ‘मौसिम’ शब्द से हुई है, जिसका तात्पर्य ऋतु परिवर्तन है। मानसून मौसमी पवन है, जो वर्ष में 2 बार दिशा परिवर्तन करता है। यह 6 महीने दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर तथा अगले 6 महीने उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम की ओर प्रवाहित होता है। पहले को

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Soil Erosion in Hindi | मृदा क्षरण का अर्थ | मृदा क्षरण के प्रकार | मृदा क्षरण के कारण

भारत विश्व के कुछ उन देशों में है, जहां मृदा क्षरण की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। मृदा क्षरण को ‘रेंगती हुई मृत्यु’ कहा जाता है। मृदा क्षरण एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके अंतर्गत अपरदन के दूत मृदा कणों को स्रोत से दूर ले जाते हैं, जिससे मृदा के मौलिक संरचनात्मक गुणों का हृास

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