Mahadwipiya Visthapan Siddhant | महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत

महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत वैगनर ने 1912 में दिया था वैगनर के पहले भी, स्नाईडर ने 1858 में महाद्वीपों के प्रवाह के संबंध में अपने विचार दिए थे। टेलर ने 1910 में भी महाद्वीपों के प्रवाह की परिकल्पना मोड़दार पर्वतों की व्याख्या के क्रम में प्रस्तुत की थी। टेलर ने कहा कि महाद्वीपों में क्षैतिज स्थानांतरण […]

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भूपटल की उत्पत्ति तथा विकास | पृथ्वी की उत्पत्ति कैसे हुई थी?

पृथ्वी सतह से केंद्र की ओर कई से संकेन्द्रीय परतों विभाजित है, इन परतों का निर्धारण घनत्व एवं संरचनात्मक विभिनता के आधार पर किया गया है। यह क्रमश: सतह से केंद्र की ओर (1) भूपटल (2) मेंटल (3) क्रोड है। भूपटल पृथ्वी की ऊपरी भाग है। जिसकी अवस्था ठोस है। इसमें विभिन्न खनिज एवं तत्व

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पृथ्वी की आंतरिक संरचना | पृथ्वी की भूगर्भिक संरचना का सामान्य वर्गीकरण

भूकंपीय तरंगों एवं सिस्मोग्राफ के गहन अध्ययन द्वारा भूगर्भिक संरचना को समझने में सहायता प्राप्त हुई है। विभिन्न भूकंपीय तरंगों की गति एवं पृथ्वी की भूगर्भ में उपस्थिति के आधार पर पृथ्वी को 3 मुख्य संकेंद्रीय परतों में विभाजित किया जा सकता है –  भूपटल या क्रस्ट  मेंटल या प्रवार  क्रोड या आंतरिक भाग पृथ्वी

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Internal Structure of the Earth in Hindi | पृथ्वी की आंतरिक संरचना | पृथ्वी की संरचना

पृथ्वी की आंतरिक संरचना में पर्याप्त विविधता पाई जाती है। यह विभिन्नता पदार्थों की संरचना, पदार्थों की अवस्था, घनत्व तथा पाए जाने वाले विभिन्न तत्वों एवं खनिजों के रूप में पाई जाती है। पृथ्वी की आंतरिक संरचना की विशेषताओं से संबंधित कई कार्य किए गए। जैसे स्वेश का कार्य, आर्थर होम्स का कार्य महत्वपूर्ण है,

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‘मानसून’ का अर्थ | बाढ़ के कारण | बाढ़ नियंत्रण के उपाय | सूखे के कारण

मानसून का अर्थ मानसून शब्द की उत्पत्ति अरब भाषा के ‘मौसिम’ शब्द से हुई है, जिसका तात्पर्य ऋतु परिवर्तन है। मानसून मौसमी पवन है, जो वर्ष में 2 बार दिशा परिवर्तन करता है। यह 6 महीने दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर तथा अगले 6 महीने उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम की ओर प्रवाहित होता है। पहले को

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Soil Erosion in Hindi | मृदा क्षरण का अर्थ | मृदा क्षरण के प्रकार | मृदा क्षरण के कारण

भारत विश्व के कुछ उन देशों में है, जहां मृदा क्षरण की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। मृदा क्षरण को ‘रेंगती हुई मृत्यु’ कहा जाता है। मृदा क्षरण एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके अंतर्गत अपरदन के दूत मृदा कणों को स्रोत से दूर ले जाते हैं, जिससे मृदा के मौलिक संरचनात्मक गुणों का हृास

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मृदा का अर्थ | मृदा के प्रकार | भारत की मिट्टियाँ

मृदा का अर्थ स्थलीय भूपटल की वह ऊपरी सतह मृदा है, जिसमें ऋतुक्षरित चट्टानों के महीन कण, हूमस, खनिज, जल, वायु और सूक्ष्म जीवाणु असंगठित अवस्था में पाए जाते हैं। मृदा विज्ञान का पिता दुकाचेव महोदय के अनुसार, मृदा पांच प्रमुख तत्व – जलवायु, पैठित चट्टाने, भूस्थलाकृति, वनस्पति एवं समय का गत्यात्मक मिश्रण है, जो

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भारत के कितने प्रतिशत भाग पर वन है?

भारत में वनों का प्रतिशत क्षेत्रफल 24.39 प्रतिशत (2021 के अनुसार) है। भारत में विश्व के कुल वन का 1.85 प्रतिशत वन पाया जाता है, जबकि विश्व के समस्त क्षेत्रफल का 2.4 प्रतिशत एवं जनसंख्या का 17 प्रतिशत भारत में पाया जाता है। इस तथ्य से स्पष्ट है कि जनसंख्या के अनुसार, भारत में वनों

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Natural Vegetation in Hindi | प्राकृतिक वनस्पति | प्राकृतिक वनस्पति के प्रकार

प्राकृतिक वनस्पति का अर्थ प्राकृतिक वनस्पति पेड़-पौधों का पारिस्थितिक तंत्र है, जो समस्त विश्व को प्रकृति का उपहार है, अतः इसे हरा सोना कहा जाता है। ये पर्वत, वर्षा, पवनों, तापमान, नदियों एवं अनाच्छादन के कारकों को नियंत्रित व अनुशासित करती है, अतः इसे किसी प्रदेश की जलवायु का वास्तविक सूचक माना जाता है। भारत

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Drainage area of India in Hindi | भारत का अपवाह प्रदेश | जल विभाजक के क्षेत्र

भारत में कई नदियां पाई जाती हैं। जिनके स्रोत क्षेत्र या तो हिमालय पर्वतीय क्षेत्र है या प्रायद्वीपीय पठार के पहाड़ी एवं पठारी क्षेत्र है। सामान्यता हिमालय प्रदेश से निकलने वाली नदियों का स्रोत हिमानी है। अतः यहां की नदियां सदावाहनी है। जबकि प्रायद्वीपीय पठार की नदियों का स्रोत वर्षा का जल या फिर पहाड़ी

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