Uncategorized

लवणता का अर्थ | सर्वाधिक समुद्री लवणता | सबसे अधिक खारा पानी किस झील का है?

सागरीय जल में घुले लवण प्रधान ठोस पदार्थों की मात्रा को सागरीय जल की लवणता कहते हैं। समुद्री जल में मुख्यतः 47 प्रकार के लवण […]

Uncategorized

डेविस का अपरदन चक्र सिद्धांत | Geography UPSC Notes

डेविस अमेरिकी भूगर्भशास्त्री था। उन्हें आधुनिक भू-आकृति विज्ञान का पिता कहा जाता है। डेविस ने भू-दृश्यों तथा स्थलरूपों के जन्म और विकास के संबंध में […]

Uncategorized

Weathering and Erosion in Hindi | बहिर्जात बल या अनाच्छादन | अपक्षय एवं अपरदन

भूपटल पर अंतर्जात बलों के द्वारा निर्मित आधारभूत स्थलाकृतियों पर बहिर्जात बलों द्वारा समतलीकरण करने की प्रक्रिया प्रारंभ होती है। यह बहिर्जात बल अनाच्छादन कहलाता […]

Uncategorized

Ocean Coast Topography | सागरीय तटीय स्थलाकृतियां

सागरीय तटवर्ती क्षेत्रों में सागरीय तरंगों, धाराओं, ज्वार इत्यादि समुद्री जल की गतियों के कारण तटवर्ती क्षेत्रों में अपरदन का कार्य होता है। फलस्वरुप तटवर्ती […]

Uncategorized

सुनामी का अर्थ | सुनामी की उत्पत्ति के कारण | विश्व के प्रमुख सुनामी

सुनामी का अर्थ अन्त: सागरीय भूकंपों के कारण सागरीय जल में तीव्र वेग वाली ऊंची तरंगें या लहरें उत्पन्न होती हैं, जिसे सुनामी कहा जाता […]

Uncategorized

भूकंप का अर्थ | भूकंप के प्रकार | विश्व में भूकंप के क्षेत्र

भूकंप का अर्थ भूपटल में होने वाले कंपन को भूकंप कहते हैं। भूकंप मुख्यत: आकस्मिक भू-संचलन की क्रिया का परिणाम है, जिसका संबंध पृथ्वी की […]

Uncategorized

ज्वालामुखी का अर्थ | ज्वालामुखी के प्रकार | ज्वालामुखी क्रिया से संबंधित स्थलाकृतियां

ज्वालामुखी का अर्थ ज्वालामुखी क्रिया का तात्पर्य उस भूगर्भिक प्रक्रिया से है, जिसके अंतर्गत चट्टानी टुकड़े एवं लावा पदार्थ भूपटल की सतह पर ठोस रूप […]

Uncategorized

चट्टान का अर्थ | चट्टानों के प्रकार | चट्टानों का वर्गीकरण

चट्टान का अर्थ पृथ्वी के भूपटल का निर्माण विभिन्न प्रकार की शैलों से हुआ है। शैलें खनिज पदार्थों के मिश्रण से निर्मित होती हैं। शैलों […]

Uncategorized

भूसन्नति का अर्थ | भू-अभिनति का अर्थ | भूसन्नति के 6 प्रकार

भूसन्नति का अर्थ भूसन्नतियों को वर्तमान स्थलखंडों का उद्गमस्थल कहा जा सकता है। साधारण अर्थ में भूसन्नति से अभिप्राय जलपूर्ण-गर्त से लिया जाता है, जिनमें […]

Uncategorized

अन्तर्जात बल | बहिर्जात बल | भ्रंश के प्रकार

भू-आकृतियों के विकास के नियंत्रण कारक (अन्तर्जात एवं बहिर्जात बल) पृथ्वी की सतह पर विभिन्न स्थलाकृतियों का विकास कुछ विशेष शक्तियों के प्रभाव के कारण […]

Uncategorized

प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत | Plate Tectonic Theory in Hindi

प्लेट विवर्तनिकी एक ऐसा सिद्धांत है, जिसने भू-भौतिकी विज्ञान के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिया है। इस सिद्धांत की मान्यता ने भू-संतुलन, पर्वत निर्माण, […]

Uncategorized

भूपटल की उत्पत्ति तथा विकास | पृथ्वी की उत्पत्ति कैसे हुई थी?

पृथ्वी सतह से केंद्र की ओर कई से संकेन्द्रीय परतों विभाजित है, इन परतों का निर्धारण घनत्व एवं संरचनात्मक विभिनता के आधार पर किया गया […]

Uncategorized

पृथ्वी की आंतरिक संरचना | पृथ्वी की भूगर्भिक संरचना का सामान्य वर्गीकरण

भूकंपीय तरंगों एवं सिस्मोग्राफ के गहन अध्ययन द्वारा भूगर्भिक संरचना को समझने में सहायता प्राप्त हुई है। विभिन्न भूकंपीय तरंगों की गति एवं पृथ्वी की […]